Wednesday, June 20, 2018
Mr. Abhishek Rana Borah on Pralayanka (Mamta Pathak) - Parmanu Series, Shakti Series
Abhishek Rana Borah
"दोस्तों, आज में आप सबसे राज कॉमिक्स कि अपने सबसे पसंदीदा #सहायक_किरदार (स्त्री) #प्रलयंका के बारे कुछ पूछना एवं बताना चाहता हू्ं ৷
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उससे पहले यह बता देना अच्छा रहेगा कि मैं सन 1993 से 2003 तक राज कॉमिक्स का नियमित पाठक था ৷ 2003 से 2005 तक एक - दो कॉमिक्स कभी कभार पढ़ने का सिलसिला ज़ारी रहा और उसके पश्चात अब तक (अनियमित रुप से) मेरा ध्यान केवल पुरानी कॉमिक्सों के प्रति ही रहा है ৷ 90 के दशक मे जो कॉमिक्सें मुझसे छूट गयीं थीं उनको प्राप्त करने कि जद्दोजहद अभी भी चल रही है ৷
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बहरहाल बात करते है प्रलयंका उर्फ #ममता_पाठक कि৷
मुझे यह तो पता नहीं कि परमाणु के किस कॉमिक्स में वह प्रथम बार नज़र आई , लेकिन अगर मैं गलत नहीं हू्ं तो #उड़ने_कि_क्षमता रखने वाली वह पहली (सहायक) (महा)नायिका है ৷ परमाणु के साथ कंधों से कंधा मिलाकर खलनायकों से लड़ने वाली प्रलयंका एक आत्मनिर्भर एवं सशक्त महिला है ৷ केवल एक नायिका के रुप में ही नहीं , बल्कि एक आम महिला के रुप मे भी वह एक साहसी पेशेवर #पत्रकार है ৷ वह ना तो कहीं कि राजकुमारी है , ना तो किसी पुलिस कमिश्नर या अपराधी सरगना कि बेटी है और ना ही कि कोई एसी महिला है जिसके साथ कुछ गलत होने के कारण वह एक बदला लेने वाली नायिका बन गई हो ৷ वह बस एक साफ मन कि सशक्त महिला है৷
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व्यक्तिगत तौर पर मुझे "ममता पाठक" - यह नाम भी बडा भाता है जो महिलाओं कि एक एसे गुण - ममता - को दर्शाती है हम पुरुषों मे कभी भी एक महिला के समान नहीं हो सकती है ৷ यह नाम श्वेता, नताशा, भारती, ऋचा, मोनिका, सोनिका, शीना इत्यादि से बहुत ज्यादा आत्मीयता का बोध कराती है ৷
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कहानियों में देखा जाए तो जिस तरह से विनय कुमार प्रोफेसर कि वैज्ञानिक शक्तियों से लैस पीली-हरी पोशाक के बदौलत अपनी शक्तियां प्राप्त करता है , ठीक उसी तरह , ममता पाठक यह प्राप्त करती है अपने गुलाबी-पीली पोशाक से ৷ अंतर यह है कि परमाणु के नकाब कि जगह प्रलयंका एक बिना आंखों कि पुतलीयों तथा लाल केशयुक्त मुखौटा पहनती है ৷ हालांकि यह मेरा अनुमान मात्र ही है ৷ शायद कभी भी मुखौटा पहनते समय प्रलयंका को दिखाया नहीं गया है ৷
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पर सवाल ये बनता है कि आखिर क्यों ममता पाठक प्रलयंका बनने के लिए चुनी गई? जिस तरह से #रिवॉलवर को परमाणु कि उत्पत्ति कथा माना जाता है , क्या उस तरह से प्रलयंका कि कोई उत्पत्ति कथा है? हम यह तो जानते हैं कि ममता, #शक्ति कि मानवीय रुप #चंदा कि ननद है ৷ लेकिन उसके परे और क्या है?
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जिस तरह से सोनिका उर्फ काली विधवा को डोगा के सिवाय अन्य महानायकों के साथ दिखाया गया है, क्या कभी प्रलयंका को कभी किसी और के साथ या चंडीका कि तरह अपनी एकाकी कॉमिक्स मिली है ? (मैं आज कि कॉमिक्सों के बारे मे नहीं कह रहा जहां #मल्टीस्टाररों कि भरमार है)
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सन 1996 मे #अब_मरेगा_परमाणु के बाद से प्रलयंका परमाणु के कॉमिक्सों मे धीरे धीरे कम नज़र आने लगी ৷ शायद #बम सीरीज़ के बाद #शीना के रुप मे परमाणु को पहली बार मिली एक भावी प्रेमीका को जगह देने के लिए एसा किया गया था ৷ हालांकि ममता पाठक के रुप में वह कम से कम 2001-02 तक नज़र आई थी ৷ शायद #परमाणु_पागल_है में मैने उसे आखिरी बार देखा था ৷
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तो दोस्तों, आप भी प्रलयंका के बारे मे कुछ बताए ৷ उसकी उत्पत्ति, पहली कॉमिक्स, आखिरी कॉमिक्स, सबसे बेहतरीन कॉमिक्स , परमाणु / विनय से उसकी दोस्ती और क्यों वह दोस्ती कभी परस्पर प्रेम मे नहीं बदली? इन सबके प्रामाणिक कारण अथवा अटकलें - कुछ भी...
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मैने दो रोज़ पहले हुई Raj Comics एप्प सेल में नयी पुरानी कुल 114 कॉमिक्स खरीदी है ৷ इनमें से काफ़ी परमाणु कि पुरानी वाली है तथा काफ़ी सारे नये मल्टीस्टार भी हैं ৷ देखते है कहीं इनमें से किसी मेरे इन सवालों का जवाब मिलता है या नहीं ৷
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यहां तक पढ़ने हेतु धन्यवाद ৷ :)"
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