Sunday, March 22, 2015

Interview with Mithilesh Gupta

Promo Poster by Tadam Gyadu

कॉमिक्स प्रशंषक और कलाकार श्री मिथिलेश गुप्ता से उनकी आगामी फैन लाइव-एक्शन फिल्म "बांकेलाल और क्रुकबांड" और अन्य प्रोजेक्ट्स को लेकर हुयी बातचीत के अंश। आशा है इस फिल्म को अच्छा रेस्पोंस मिले और अपने उद्देश्य में सफल हो। 

*) - अपना और अपने साथियों का संक्षिप्त परिचय हमसे करायें। 
पहले तो सभी कॉमिक्स प्रेमियों को मेरा नमस्कार, मैं भी आप सभी की तरह एक कॉमिक्स प्रेमी हूँ. मेरा नाम मिथिलेश गुप्ता है और मैं यु तो इंदौर का रहने वाला हूँ .पर यहाँ हैदराबाद में ३ साल से रह रहा हु और एक हेल्थ केयर MNC में काम करता हु। मेरी इस मूवी की टीम में और ३ मुख्य लोग शामिल हैं 
जिनसे मेरी मुलाक़ात हैदराबाद कॉमिक्स कोंन  में हुयी थी ,सभी कॉमिक्स फंस हैं और हैदराबाद में ही कार्यरत हैं।  

प्रद्युम्नदेव जोधा जी जो की राजस्थान से हैं  और वो विक्रमसिंह के किरदार में हैं .और इस फिल्म के प्रोडूसर भी हैं .उनके बिना ये फिल्म बनाना मुमकिन नही था। दुसरे "मोहन मौर्य " जी हैं जो क्रूक् बांड के किरदार में हैं और राजस्थान से ही हैं, और उन्होंने इस फिल्म के लिए २ गाने लिखे हैं .
तीसरे सिद्धार्थ गुप्ता जी जो "ग्वालियर " से हैं और इस फिम्ल में "मोटू " के रोले में नज़र आएंगे .

*) - फिल्म को बनाने का विचार कैसे आया और क्या माहौल था मूवी बनने से पहले?
साल के पहले महीने में मेरी एक documentary film जो की चेतन भगत के नावेल "हाफ गर्लफ्रेंड " पर आधारित है बन के रिलीज़ हो चुकी थी ..लोगो का अच्छा रेस्पोंसे मिला .जिसकी शूटिंग मेरे मोबाइल से मध्यप्रदेश और बिहार में की गयी थी। इस के बाद मैं अपनी एक हॉरर नावेल लव ट्रायंगल पर काम कर रहा था २ दिन की शूटिंग भी हो गयी थी पर कैमरा अच्छा नहीं था तो कहानी बंद टालनी  पड़ी। तभी मुझे कॉमिक्स पर कुछ काम करने का विचार आया ,हालाँकि ये विचार आने का एक रीज़न ये भी मान सकते हैं की प्रद्युमन भाई के पास कुछ कॉमिक्स चरित्रों के ड्रेस बने हुए थे कॉमिक कोंन के लिए,

मतलब अब मेरे दिमाग में कहानी घुमने लगी और प्लान बन गया बस मेने इन तीनो को मन में रखकर ४ चरित्रों वाली कहानी गढ़नी शुरू की . "बांकेलाल और क्रूक् बांड " और मुझे लगता है सभी अपने किरदारों में एक दम फिट लगे हैं। मेने इन् चारो को फोन करके अपना कांसेप्ट सूनाया की मैं एक मूवी बनाना चाहता हूँ पहले तो कुछ लोग नहीं मान पाए ,मेने सन्डे को मिलके समझाने का कहा ...और एक मीटिंग करवाया। 

इसके पहले हम सब एक दो बार ही मिले थे ..हैदराबाद में, फिर क्या  था मेने जब अपने डायरेक्शन के नज़रिए से इन्हें समझाया यकीन मानिय एक ने भी ना नहीं बोला.मतलब सबको मेरा  कांसेप्ट पसंद  आ गया था। और प्रद्युमन भाई के पास २ बड़े कैमरे भी थे मतलब काम हो गया था और फिर इस मूवी पर पूरे जोरो से मेने काम करना शुरू कर दिया शूटिंग के लिए। 

*) - क्या प्रक्रिया रही इस फिल्म को बनाने में? 
एक्टिंग. सबको यही लग रहा था होगा या नहीं ,मेने कहा जेसे आप उन् किरदारों को कॉमिक्स में पढ़ते हैं उसे अपने आप में ढाल लो .बस फिर उस एक हफ्ते सब उन् किरदारों की पढने में फिर से बिजी हो गए थे ....हालाँकि हमारे पास ओनली सन्डे ही था बाकी दिन ऑफिस का था .प्लान था एक सन्डे में इश  फिल्म को फिल्म लेन्गे. अब हमारे पास ड्रेस थी। २ बड़े कैमरे भी हो गए थे। मेने स्क्रिप्ट एक हफ्ते में लिख चूका था ..अगले हफ्ते ही हमारे मीटिंग के शूटिंग स्टार्ट कर दी गयी फ़रवरी के पहले वीक में .लोकेशन था प्रद्युमन भाई का बड़ा फ्लैट जिसे हमने क्रूक्बोंद का ऑफिस बनया था और कुछ बाहर की शूटिंग एक जंगल और रोड पर करनी पड़ी। एक दिन में शूटिंग नहीं हो पायी .क्युकी बांकेलाल और विक्रमसिंह के ड्रेसिंग में १ घंटा तक लग जाता था फिर मैं स्क्रिप्ट पढ पढ़ कर चारो के किरदारों को सेट पे एक्ट करने बताता था ...काफी टाइम लग रहा था क्युकी बार बार प्रैक्टिस करनी पडी .अरे भाई पन्नो से चरित्रों को निभाना कोई आसान काम नही था, और फिर नेक्स्ट वीक फिर शूटिंग  करना पड़ा। 

टाइम की कमी के कारण नेक्स्ट शूटिंग २ हफ्तों के बाद की, काफी सीन्स फिर से करने पड़े ,और ऐसे १ महिना निकल गया .काफी ट्विस्ट जनम लेने लगे थे ,हम सब एक्टर्स तो हैं नहीं फिर भी हमने अपने आप के एक्टर्स को बहार निकाल के एक्टिंग की है जो आपको जरुर पसंद आयेगी . सभी ने फिल्म को बनाने में काफी न्यू न्यू आइडियाज दिए हैं ,जो इस फिल्म की  जान हैं। 

*) - फिल्म को बनाने में क्या क्या challanges आये ?
काफी सारे ,,,,,,,क्युकी सभी का अपना जॉब भी था और हमारे पास सिर्फ एक सन्डे होता था ,,,पर उसमे भी अगर एक का भी सन्डे फ्री न हुआ तो बाकी ३ कुछ नही कर पा रहे थे। रात रात भर जाग जाग जार शूटिंग करी गयी और काफी क्लोज हो गए हम सब, सेट पर डिनर के साथ साथ मस्ती भी काफी होती थी .
सभी की हार्ड वर्क की मैं तारीफ़ करूंगा जिन्होंने इतना साथ दिया और मेरे वर्क पे भरोसा किआ ...मैं जेसा चाहता था मूवी उससे भी बेहतर बन रही है इसलिए टाइम लग रहा है और अब शूटिंग हो चुकी है। फिल्म को ज्यादा अच्छा बनाने के लिए अब २ sundays सिर्फ डबिंग में जा रहे है जो काफी समय ले रहा है .और मैं ऑफिस से आकर एडिटिंग वर्क भी कर रहा हु .तो वहीँ  सोंग्स की धून भी मोहन जी और मैं बना रहे थे। चूँकि ये fanmade फिल्म है और हमरे पास कोई फंडिंग नहीं थी, हम सबने मिलके ये सब किया है और वर्क तो बहुत जादा हुआ है कैमरे के पीछे भी काफी दोस्तों ने हार्ड वर्क किया है। 

*) - किस तरह कि कहानी देखने को मिलेगी फैन्स को? 
कहानी एकदम न्यू होगी, क्युकी क्रूक बांड  और बांकेलाल तो एक कॉमिक्स के हैं नहीं मेने उन्हें दो अलग अलग कॉमिक्स से उठाया है . उन्हें वेसा ही दिखाया है जेसा वो कॉमिक्स में होते हैं . पर दोनों का एक साथ मिलाप एकदम सुपर है (हा हा हा ) खूब हँसेंगे आप सब। हमने कभी इन् किरदारों को पन्नो से बहार तो देखा नही , मुझे उम्मीद है आप लोगो को जरुर अच्छा लगेगा इन् दो कॉमेडी पात्रों को देख कर और इसमें कुछ सुपर हीरोज आपको गेस्ट रोले में भी दिख सकते हैं।


*) - आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में कुछ बतायें।
ट्रेलर काफी फंस को  पसंद आया है और आ भी रहा है। मूवी के अछे रेस्पोंसे मिलने पर ऐसे ही कुछ और प्रोजेक्ट्स आपको देखने को मिलेंगे .जो की लाइन में हैं और इसके बाद मैं अपनी होर्रोरे मूवी "माय रूममेट -एक होर्रोरे लव स्टोरी " जो २ कपल्स की कहानी है - की शूटिंग स्टार्ट करूँगा जो की बहुत बेस्ट होगी ..जिसका एक पोस्टर भी आ चूका है, उसके बाद मोहित शर्मा जी के कुछ प्रोजेक्ट मेरे पास आ चुके है और वर्क चल रहा है .समाज से जुडी कुछ और मूवीज भी आने वाले है। अच्छा लग रहा है जादा से ज्यादा लोग जुड़ रहे हैं , उम्मीद है फ्यूचर में काफी अछे फिल्म बना पाउँगा और मेरा ये जुनून कामयाब होगा .

*) - कॉमिक्स फैन्स के लिए कुछ शब्द.... 
इतना ही कहूँगा मैं कोई दूसरा नही आपकी ही तरह एक कॉमिक्स फेन हूँ, हैदराबाद कॉमिक्स कोंन में "तिरंगा " बनाने के बाद फंस ने बहुत लाइक किया जिसके दम पे ये बना पाया हु। प्रद्युम्न भाई जो को "डोगा "बनते आये हैं कॉमिक कोंन  में,वो मेरे लिए एक inspiration हैं उनको सलाम .
और मैं भी कॉमिक्स की दुनिया में कुछ अलग कर रहा हु, सायद आपको पसंद आये, कोई सपोर्ट नही है किसी से जो है आप सबके जेसे फंस ही है। तभी ये बना पाया हूँ. दिन रात हम जुटे हैं एक साथ ताकि फिल्म अच्छी बन के सामने आये, आप सब का सहयोग चाहिए बस। 
थैंक यू आल .
"कॉमिक्स हैं हमारा जूनून "
आपका 
मिथिलेश गुप्ता 

You & Me Film-Production | Facebook


- मोहित शर्मा (ज़हन)

3 comments:

  1. waiting for the film toh release :) comic fans ke junoon ko salam :)

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  2. बहुत खूब।
    सराहनीय प्रयास।
    www.pdfbookbox.blogspot.in

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    1. शुक्रिया। गुरमीत जी उम्मीद है आपने फ़िल्म देख ली होगी 😊

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